संपत्तियों की जांच में होंगे बड़े खुलासे, सिपाही का दोस्त भी लाखों में खेल रहा
ओवरलोडिंग के खेल में फंसे अफसरों और कर्मचारियों की संपत्तियों की जांच से कार्यालय में हड़कंप की स्थिति है। कर्मचारी दबी जुबान में बता रहे हैं कि ठीक से जांच हो तो अफसरों के पास अकूत संपत्तियों का खुलासा होगा। आरटीओ में अफसर, कर्मचारियों के प्राइवेट कर्मचारी भी लाखों में खेल रहे हैं। जांच की जद में फंसे एक सिपाही के दोस्त की संपत्ति को लेकर भी खूब चर्चा है।
ओवरलोडिंग की जांच की जिम्मेदारी प्रवर्तन के अधिकारियों के जिम्मे है। गोरखपुर कार्यालय में आरटीओ प्रवर्तन को छोड़कर शेष दोनों प्रवर्तन के अधिकारी एसटीएफ की जांच के दायरे में हैं। अब इनकी संपत्तियों की जांच के बाद सबसे मुश्किल में उनके प्राइवेट कर्मचारी हैं। प्रवर्तन के अधिकारियों ने ही नहीं, सिपाहियों ने भी प्राइवेट कर्मचारी रखे हुए हैं। इन प्राइवेट कर्मचारियों की एक दिन की कमाई तीन से पांच हजार रुपये तक है। प्रवर्तन में शामिल एक सिपाही का दोस्त भी लाखों में खेल रहा है जिसे लेकर आरटीओ में खूब चर्चा है। ओवरलोडिंग का खेल उजागर होने के बाद वह गायब है। एसटीएफ के रडार में आए अफसरों और सिपाहियों की संपत्तियों को लेकर गुरुवार को आरटीओ कार्यालय में चर्चा होती रही। सूत्र बताते हैं कि अधिकारियों ने गोरखपुर ही नहीं लखनऊ से लेकर पैतृक जिलों तक में अच्छी खासी संपत्ति बनाई है।
प्राइवेट कर्मचारियों का दबदबा
दलाली, भ्रष्टाचार और वसूली आरटीओ ऑफिस की कार्यप्रणाली का हिस्सा बन चुकी है। जिम्मेदारों की छत्रछाया में ही यह भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है। भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि कई प्राइवेट कर्मचारी और दलाल कार्यालय में कुर्सियों पर बैठकर काम करते नजर आते हैं। ये प्राइवेट कर्मचारी अफसरों से लेकर बाबुओं तक के लिए वसूली करते हैं। उनका हिसाब-किताब भी रखते हैं। इनका न तो विभाग के पास कोई रिकॉर्ड है और न ही इन्हें कोई वेतन मिलता है। वसूली गई रकम से ही इन्हें अच्छा-खासा हिस्सा मिल जाता है। इनका लेखाजोखा किसी अधिकारी के पास नहीं है।
एआरटीओ के कोड से डीएल जारी कर चुका है प्राइवेट कर्मचारी
आरटीओ में प्राइवेट कर्मचारियों की कारगुजारियां उजागर होती रही हैं। डेढ़ वर्ष पहले एआरटीओ के कोड से एक प्राइवेट कर्मचारी ने कई ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया था। प्राइवेट कर्मचारियों ने उन आवेदकों के डीएल जारी कर दिये थे, जो ऑनलाइन टेस्ट में फेल हो गए थे। खुलासा होने के बाद सख्ती शुरू हुई थी। पर चंद दिनों बाद ही सबकुछ पूर्व की तरह चलने लगा। पिछले दिनों एक व्यक्ति ने आरटीओ के कामकाज का वीडियो वायरल किया था जिसमें एक प्राइवेट कर्मचारी संदिग्ध लेनदेन करते हुए नजर आ रहा था।